गोरखपुर, उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर, न केवल अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण रेलवे जंक्शन के रूप में भी जाना जाता है। गोरखपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन, जिसका स्टेशन कोड “GKP” है, उत्तर पूर्व रेलवे का मुख्यालय है और भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण स्टेशनों में से एक है। यह स्टेशन न केवल यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण परिवहन केंद्र है, बल्कि यह शहर की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक पहचान का भी प्रतीक है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम Gorakhpur Railway Station के इतिहास, इसकी विशेषताओं, सुविधाओं, पुनर्विकास परियोजनाओं, आसपास के पर्यटन स्थलों और इसके महत्व को विस्तार से जानेंगे।

Gorakhpur Railway Station का इतिहास
गोरखपुर रेलवे स्टेशन का इतिहास 19वीं शताब्दी के अंत में शुरू होता है। 1890 में स्थापित, यह स्टेशन उस समय ब्रिटिश शासन के दौरान बंगाल और उत्तर पश्चिम रेलवे (Bengal and North Western Railway) के तहत संचालित होता था। उस समय, रेलवे लाइनें मुख्य रूप से माल परिवहन और औपनिवेशिक प्रशासन के लिए विकसित की गई थीं। गोरखपुर और गोण्डा के बीच 135 मील (217 किलोमीटर) की मीटर-गेज गोण्डा लूप लाइन 1886 से 1905 के बीच बनाई गई। इसके अलावा, 1913 में काप्तानगंज-सिवान मीटर-गेज लाइन और 1925 में नौतनवा शाखा लाइन शुरू की गई।
समय के साथ, गोरखपुर रेलवे स्टेशन ने अपनी भूमिका को केवल एक परिवहन बिंदु से कहीं अधिक बढ़ा लिया। आज यह उत्तर पूर्व रेलवे का मुख्यालय है और पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, नेपाल और उत्तरी भारत को जोड़ने वाला एक प्रमुख जंक्शन बन गया है। 2009 में, स्टेशन के पुनर्मॉडलिंग की शुरुआत हुई, और 6 अक्टूबर 2013 को, पुनर्निर्मित यार्ड का उद्घाटन हुआ। इस पुनर्विकास के साथ, गोरखपुर जंक्शन दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रेलवे प्लेटफॉर्म बन गया, जिसकी लंबाई रैंप के साथ 1,366.33 मीटर (4,482.7 फीट) और बिना रैंप के 1,355.40 मीटर (4,446.9 फीट) है। यह उपलब्धि इसे भारतीय रेलवे के शीर्ष 100 बुकिंग स्टेशनों में शामिल करती है।
स्टेशन की विशेषताएं और सुविधाएं
गोरखपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन को क्लास A+ श्रेणी की सुविधाएं प्रदान करने के लिए जाना जाता है। यह स्टेशन यात्रियों की सुविधा और आराम को ध्यान में रखते हुए कई आधुनिक सुविधाएं प्रदान करता है। यहाँ कुछ प्रमुख सुविधाएं हैं:
1. प्लेटफॉर्म और ट्रेनें
- प्लेटफॉर्म की संख्या: स्टेशन में कुल 10 प्लेटफॉर्म हैं, जिनमें से एक विशेष रूप से लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए समर्पित है।
- दैनिक ट्रेनें: औसतन, 190 ट्रेनें प्रतिदिन इस स्टेशन से गुजरती हैं, और विशेष अवसरों पर यह संख्या 473 तक पहुंच सकती है।
- मुख्य मार्ग: यह स्टेशन पूर्वी उत्तर प्रदेश को बिहार, नेपाल और उत्तरी भारत से जोड़ता है। यह दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, अहमदाबाद और अन्य प्रमुख शहरों के लिए ट्रेनें संचालित करता है।
- लोकप्रिय ट्रेनें: गोखरधाम सुपरफास्ट एक्सप्रेस (गोरखपुर से दिल्ली), राप्ती सागर सुपरफास्ट एक्सप्रेस (गोरखपुर से चेन्नई), और यशवंतपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस (गोरखपुर से बेंगलुरु) कुछ लोकप्रिय ट्रेनें हैं।
2. यात्री सुविधाएं
- टिकट काउंटर: स्टेशन पर कंप्यूटरीकृत आरक्षण प्रणाली उपलब्ध है, जिससे यात्रियों को टिकट बुक करना आसान हो जाता है।
- प्रतीक्षालय: आरामदायक प्रतीक्षालय, स्वच्छ शौचालय और भोजन स्टॉल यात्रियों के लिए उपलब्ध हैं।
- पार्किंग: स्टेशन के बाहर बसों, टैक्सियों और निजी वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा है।
- कनेक्टिविटी: स्टेशन शहर के अन्य हिस्सों से बसों और टैक्सियों के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
3. स्टेशन का महत्व
गोरखपुर जंक्शन भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त स्टेशनों में से एक है। यह न केवल यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है, बल्कि माल परिवहन के लिए भी एक प्रमुख बिंदु है। स्टेशन 59 ट्रेनों का प्रारंभिक बिंदु है, 59 ट्रेनों का अंतिम पड़ाव है, और 148 ट्रेनें यहाँ रुकती हैं। यह स्टेशन 1.68 लाख यात्रियों की दैनिक क्षमता के साथ डिज़ाइन किया गया है, जो इसे एक विश्वस्तरीय स्टेशन बनाता है।
पुनर्विकास परियोजना
गोरखपुर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की योजना को हाल के वर्षों में गति मिली है। 7 जुलाई 2023 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 498 करोड़ रुपये की लागत से स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखी। इस परियोजना का उद्देश्य स्टेशन को विश्वस्तरीय यात्री सुविधाओं से लैस करना है। 2025 में, यह बताया गया कि परियोजना की अनुमानित लागत 693 करोड़ रुपये तक बढ़ गई है, और इसका पूरा होना 2027 तक अपेक्षित है।
पुनर्विकास की मुख्य विशेषताएं
- मुख्य भवन का विस्तार: स्टेशन के मुख्य भवन का क्षेत्रफल 46,200 वर्ग मीटर तक बढ़ाया जाएगा।
- नए प्रवेश और निकास द्वार: स्टेशन के दोनों ओर नए प्रवेश और निकास द्वार बनाए जाएंगे।
- कॉनकोर्स और सुविधाएं: एक नया कॉनकोर्स, फूड कोर्ट, पार्किंग, प्रतीक्षालय और अन्य आधुनिक सुविधाएं जोड़ी जाएंगी।
- डिज़ाइन: स्टेशन का डिज़ाइन प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर से प्रेरित है, जो इसे सांस्कृतिक रूप से भी आकर्षक बनाता है।
यह परियोजना न केवल यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगी, बल्कि गोरखपुर को एक आधुनिक और विश्वस्तरीय रेलवे केंद्र के रूप में स्थापित करेगी।
गोरखपुर रेलवे स्टेशन के आसपास के पर्यटन स्थल
गोरखपुर रेलवे स्टेशन न केवल एक परिवहन केंद्र है, बल्कि यह पर्यटकों के लिए भी एक सुविधाजनक बिंदु है। स्टेशन के आसपास कई ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक आकर्षण हैं, जो इसे यात्रियों के लिए और भी खास बनाते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख स्थल हैं:
1. गोरखनाथ मंदिर
- दूरी: स्टेशन से 5 किलोमीटर
- विवरण: यह मंदिर प्रसिद्ध संत गुरु गोरखनाथ को समर्पित है, जिन्हें भगवान शिव का अवतार माना जाता है। गोरखपुर शहर का नाम इसी संत के नाम पर पड़ा है। यह मंदिर नाथ संप्रदाय का एक प्रमुख केंद्र है और यहाँ साल भर श्रद्धालु आते हैं।
2. रेलवे संग्रहालय और मनोरंजन पार्क
- दूरी: स्टेशन से 1.5 किलोमीटर
- विवरण: यह संग्रहालय उत्तर पूर्व रेलवे की विरासत को प्रदर्शित करता है। यहाँ ऐतिहासिक इंजन, रेलवे उपकरण और अन्य कलाकृतियाँ देखी जा सकती हैं। संलग्न मनोरंजन पार्क बच्चों और परिवारों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
3. कुश्मी जंगल
- दूरी: स्टेशन से 11 किलोमीटर
- विवरण: यह एक शांत और हरा-भरा जंगल क्षेत्र है, जहाँ पर्यटक प्रकृति की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं। यह पिकनिक और ट्रेकिंग के लिए एक आदर्श स्थान है।
4. नीर निकुंज वाटर पार्क
- दूरी: स्टेशन से 4 किलोमीटर
- विवरण: गर्मी से राहत पाने के लिए यह वाटर पार्क एक शानदार जगह है। यहाँ पानी की सवारी, फव्वारे और अन्य मनोरंजक गतिविधियाँ उपलब्ध हैं।
5. विष्णु मंदिर
- दूरी: स्टेशन से 3 किलोमीटर
- विवरण: यह ऐतिहासिक मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और अपनी शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक वातावरण के लिए जाना जाता है।
6. गोलघर मार्केट
- दूरी: स्टेशन से 1 किलोमीटर
- विवरण: यह बाजार गोरखपुर के प्रसिद्ध हस्तशिल्प, काकौरी कबाब और चाट के लिए लोकप्रिय है। यहाँ खरीदारी और स्थानीय व्यंजनों का आनंद लिया जा सकता है।
गोरखपुर रेलवे स्टेशन का सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व
गोरखपुर रेलवे स्टेशन केवल एक परिवहन केंद्र नहीं है, बल्कि यह शहर की सांस्कृतिक और आर्थिक पहचान का भी हिस्सा है। यह स्टेशन पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के तराई क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण परिवहन लिंक है। यहाँ से नेपाल के लिए भी कनेक्टिविटी उपलब्ध है, जो इसे अंतरराष्ट्रीय महत्व देता है।
सांस्कृतिक महत्व
गोरखपुर एक अनूठा सांस्कृतिक केंद्र है, जहाँ इतिहास, कला, संगीत और मनोरंजन का मेल देखने को मिलता है। स्टेशन की निकटता में गोरखनाथ मंदिर और अन्य धार्मिक स्थल इसे तीर्थयात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव बनाते हैं। स्टेशन का नया डिज़ाइन, जो गोरखनाथ मंदिर से प्रेरित है, इसे सांस्कृतिक रूप से और भी आकर्षक बनाता है।
आर्थिक महत्व
रेलवे स्टेशन गोरखपुर की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह माल परिवहन के लिए एक प्रमुख केंद्र है, जिससे स्थानीय व्यापार और उद्योग को बढ़ावा मिलता है। इसके अलावा, स्टेशन के आसपास के बाजार, जैसे गोलघर, पर्यटकों और यात्रियों के लिए खरीदारी और भोजन के अवसर प्रदान करते हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलता है।
आसपास के अन्य रेलवे स्टेशन
गोरखपुर शहर में गोरखपुर जंक्शन के अलावा अन्य रेलवे स्टेशन भी हैं, जो स्थानीय और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में मदद करते हैं। कुछ प्रमुख स्टेशन हैं:
- गोरखपुर कैंट (GKC): स्टेशन से 4 किलोमीटर की दूरी पर, यह स्थानीय ट्रेनों के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।
- डोमिनगढ़ (DMG): स्टेशन से 4 किलोमीटर की दूरी पर, यह एक छोटा लेकिन उपयोगी स्टेशन है।
- नकहा जंगल (JEA): स्टेशन से 5 किलोमीटर की दूरी पर, यह ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ता है।
- मनीराम (MIM): स्टेशन से 10 किलोमीटर की दूरी पर, यह स्थानीय यात्रियों के लिए सुविधाजनक है।
कैसे पहुंचें
गोरखपुर रेलवे स्टेशन तक पहुंचना आसान है। यहाँ कुछ विकल्प हैं:
- हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा गोरखपुर हवाई अड्डा (GOP) है, जो स्टेशन से 7 किलोमीटर की दूरी पर है।
- सड़क मार्ग: स्टेशन शहर के बस स्टैंड से 800 मीटर की दूरी पर है। बसें, टैक्सियाँ और ऑटो-रिक्शा आसानी से उपलब्ध हैं।
- पता: स्टेशन रोड, धर्मशाला के पास, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश 273012
- फोन नंबर: पूछताछ के लिए, आप 0551-2200507 पर संपर्क कर सकते हैं।
Gorakhpur Railway Station निष्कर्ष
गोरखपुर रेलवे स्टेशन न केवल एक परिवहन केंद्र है, बल्कि यह शहर की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक पहचान का प्रतीक भी है। दुनिया के दूसरा सबसे लंबा प्लेटफॉर्म, आधुनिक सुविधाएं, और चल रही पुनर्विकास परियोजना इसे एक विश्वस्तरीय स्टेशन बनाने की दिशा में अग्रसर कर रही है। स्टेशन की निकटता में गोरखनाथ मंदिर, रेलवे संग्रहालय, कुश्मी जंगल और अन्य आकर्षण इसे यात्रियों और पर्यटकों के लिए एक आदर्श पड़ाव बनाते हैं।
चाहे आप एक तीर्थयात्री हों, पर्यटक हों, या नियमित यात्री, गोरखपुर रेलवे स्टेशन आपको सुविधा, आराम और एक यादगार अनुभव प्रदान करता है। यह स्टेशन न केवल गोरखपुर की शान है, बल्कि यह भारतीय रेलवे की गौरवशाली विरासत का भी हिस्सा है। अपनी अगली यात्रा में गोरखपुर जंक्शन को जरूर शामिल करें और इस शहर की समृद्ध विरासत और आतिथ्य का आनंद लें!
Gorakhpur Railway Station FAQs
1. गोरखपुर रेलवे स्टेशन का महत्व क्या है?
गोरखपुर रेलवे स्टेशन उत्तर पूर्व रेलवे का मुख्यालय है और भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त स्टेशनों में से एक है। यह पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, नेपाल और उत्तरी भारत को जोड़ता है, और दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रेलवे प्लेटफॉर्म यहाँ है।
2. गोरखपुर रेलवे स्टेशन में कितने प्लेटफॉर्म हैं?
स्टेशन में कुल 10 प्लेटफॉर्म हैं, जो लंबी दूरी और स्थानीय ट्रेनों की जरूरतों को पूरा करते हैं।
3. गोरखपुर रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म कितना लंबा है?
गोरखपुर जंक्शन का प्लेटफॉर्म दुनिया का दूसरा सबसे लंबा है, जिसकी लंबाई रैंप के साथ 1,366.33 मीटर (4,482.7 फीट) और बिना रैंप के 1,355.40 मीटर (4,446.9 फीट) है।
4. गोरखपुर रेलवे स्टेशन की प्रमुख सुविधाएं क्या हैं?
स्टेशन में कंप्यूटरीकृत टिकट काउंटर, प्रतीक्षालय, स्वच्छ शौचालय, भोजन स्टॉल, पार्किंग, और बसों व टैक्सियों के माध्यम से शहर से कनेक्टिविटी जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
5. गोरखपुर रेलवे स्टेशन के पास कौन-कौन से पर्यटन स्थल हैं?
कुछ प्रमुख स्थल हैं:
गोरखनाथ मंदिर (5 किमी)
रेलवे संग्रहालय और मनोरंजन पार्क (1.5 किमी)
कुश्मी जंगल (11 किमी)
नीर निकुंज वाटर पार्क (4 किमी)
विष्णु मंदिर (3 किमी)
गोलघर मार्केट (1 किमी)
6. गोरखपुर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की स्थिति क्या है?
7 जुलाई 2023 को 498 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्विकास शुरू हुआ, जो अब 693 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। परियोजना 2027 तक पूरी होने की उम्मीद है, जिसमें नया कॉनकोर्स, फूड कोर्ट, और गोरखनाथ मंदिर से प्रेरित डिज़ाइन शामिल है।
7. गोरखपुर रेलवे स्टेशन तक कैसे पहुंचें?
हवाई मार्ग: गोरखपुर हवाई अड्डा (GOP), स्टेशन से 7 किमी दूर
सड़क मार्ग: बस स्टैंड से 800 मीटर की दूरी; बसें, टैक्सियाँ, और ऑटो-रिक्शा उपलब्ध
पता: स्टेशन रोड, धर्मशाला के पास, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश 273012
8. गोरखपुर रेलवे स्टेशन से कितनी ट्रेनें संचालित होती हैं?
औसतन 190 ट्रेनें प्रतिदिन संचालित होती हैं, जिसमें 59 ट्रेनें शुरू होती हैं, 59 समाप्त होती हैं, और 148 ट्रेनें रुकती हैं। विशेष अवसरों पर यह संख्या 473 तक पहुंच सकती है।
9. गोरखपुर रेलवे स्टेशन का संपर्क नंबर क्या है?
पूछताछ के लिए, आप 0551-2200507 पर संपर्क कर सकते हैं।
10. क्या गोरखपुर रेलवे स्टेशन नेपाल से जुड़ा है?
हाँ, गोरखपुर रेलवे स्टेशन नेपाल से कनेक्टिविटी प्रदान करता है, जिससे यह अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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