जानिए किन राज्यों में बढ़ रहा गर्मी का कहर
देशभर में अप्रैल की शुरुआत के साथ ही गर्मी ने जबरदस्त रफ्तार पकड़ ली है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कई राज्यों में तापमान के 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंचने पर रेड अलर्ट जारी किया है। राजस्थान, गुजरात, दिल्ली-एनसीआर, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में गर्मी ने अपने चरम को छू लिया है। आम जनजीवन इस तपती गर्मी के चलते प्रभावित हो रहा है, वहीं विशेषज्ञ आने वाले दिनों में और ज्यादा उग्र मौसम की चेतावनी दे रहे हैं।
राजस्थान: 56 सालों का रिकॉर्ड टूटा, बाड़मेर में 45.6°C
राजस्थान में गर्मी के तेवर सबसे ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। बाड़मेर में इस साल अप्रैल के पहले सप्ताह में ही पारा 45.6 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया, जो पिछले 56 वर्षों में दर्ज सबसे अधिक तापमान है। यही नहीं, जैसलमेर और जोधपुर जैसे जिलों में भी पारा लगातार 44 डिग्री के ऊपर बना हुआ है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों को दोपहर के समय घरों में रहने की सलाह दी है।
दिल्ली-NCR: अप्रैल में ही जून जैसा एहसास
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी हालात कुछ अलग नहीं हैं। सफदरजंग वेधशाला में अधिकतम तापमान 40.2 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 5.1 डिग्री ज्यादा है। दिल्ली के कई इलाकों जैसे द्वारका, रोहिणी, करोल बाग और नोएडा में गर्म हवाओं के साथ धूप की तीव्रता लोगों को बेहाल कर रही है। स्कूलों में मिड-डे ब्रेक बढ़ा दिया गया है और कई निजी संस्थान वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था पर लौट आए हैं।

गुजरात और मध्य प्रदेश में भी गर्मी ने पकड़ी रफ्तार
गुजरात के कांडला और अहमदाबाद में पारा 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर, भोपाल और उज्जैन जैसे शहरों में भी अधिकतम तापमान 43-44 डिग्री तक पहुंच गया है। IMD ने इन राज्यों में हीटवेव की स्थिति को देखते हुए रेड अलर्ट जारी कर दिया है। राज्य सरकारों ने भी जिला प्रशासन को हिदायत दी है कि लू से बचाव के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।
क्या होता है रेड अलर्ट?
IMD द्वारा जारी रेड अलर्ट का मतलब है कि किसी क्षेत्र में मौसम की स्थिति इतनी गंभीर हो सकती है कि वह जीवन और संपत्ति के लिए खतरा बन सकती है। गर्मी के लिहाज़ से रेड अलर्ट तब जारी किया जाता है जब तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक हो जाता है, और स्थिति लगातार बनी रहती है। ऐसे में प्रशासन और नागरिकों दोनों को अत्यंत सतर्क रहने की जरूरत होती है।
बुजुर्ग, बच्चे और गर्भवती महिलाएं सबसे अधिक प्रभावित
भीषण गर्मी का सबसे बुरा असर समाज के कमजोर वर्गों पर पड़ता है। बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं हीटवेव की चपेट में सबसे जल्दी आते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इन वर्गों को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे के बीच बाहर जाने से बचना चाहिए। इसके अलावा हल्के कपड़े पहनना, ज्यादा से ज्यादा पानी पीना और इलेक्ट्रोलाइट्स का सेवन जरूरी है।
लू से बचाव के लिए क्या करें?
- दिन में बार-बार पानी पिएं, चाहे प्यास लगी हो या नहीं।
- छतरी, टोपी और सनस्क्रीन का उपयोग करें।
- तेज धूप में बाहर निकलने से बचें, खासकर दोपहर के समय।
- गर्मी से राहत देने वाले पेय जैसे नींबू पानी, आम पना, छाछ आदि का सेवन करें।
- पेट और सिर को ढक कर रखें।
- वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों पर विशेष ध्यान दें।
क्या दे सकती है राहत? – पश्चिमी विक्षोभ की उम्मीद
IMD के विशेषज्ञों के मुताबिक, आने वाले सप्ताह में एक पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है। इससे उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में आंधी, तूफान और हल्की बारिश देखने को मिल सकती है। हालांकि, यह राहत बहुत सीमित होगी और तापमान में मामूली गिरावट ही आ सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार गर्मी समय से पहले आई है और लू का सिलसिला मई तक बना रह सकता है।
हीट स्ट्रोक से कैसे बचें?
हीट स्ट्रोक गर्मी की सबसे गंभीर अवस्था है, जिसमें शरीर का तापमान 104°F (40°C) से ऊपर चला जाता है। इसके लक्षणों में अत्यधिक पसीना, कमजोरी, मिचली, उल्टी, सिरदर्द, चक्कर आना और होश खोना शामिल है। यदि किसी को ऐसे लक्षण दिखाई दें तो उसे तुरंत ठंडी जगह ले जाकर ठंडे पानी से शरीर को गीला करें और नजदीकी अस्पताल ले जाएं।
विशेषज्ञों की राय
डॉ. सुमन जोशी, पर्यावरण वैज्ञानिक कहती हैं, “भारत जैसे उपोष्ण कटिबंधीय देश में जलवायु परिवर्तन के चलते हीटवेव की घटनाएं आम होती जा रही हैं। तापमान का समय से पहले इस कदर बढ़ना चिंताजनक है और हमें इसके लिए दीर्घकालीन रणनीति बनानी होगी।”
भारत के प्रमुख शहरों में तापमान (8 अप्रैल 2025)
शहर | अधिकतम तापमान (°C) | स्थिति |
---|---|---|
बाड़मेर (राजस्थान) | 45.6 | रिकॉर्ड गर्मी |
जैसलमेर | 45.4 | लू का कहर |
दिल्ली | 40.2 | सामान्य से 5.1°C ज्यादा |
कांडला (गुजरात) | 45.3 | रेड अलर्ट |
भोपाल (MP) | 43.1 | हीटवेव |
लखनऊ (UP) | 42.5 | गर्म हवाएं |

निष्कर्ष
देश में जैसे-जैसे तापमान बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे लू और हीटवेव जैसी समस्याएं आम होती जा रही हैं। IMD द्वारा जारी किए गए रेड अलर्ट को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। ऐसे में सरकारी तंत्र के साथ-साथ आम लोगों की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि वे सतर्क रहें, खुद की सुरक्षा करें और पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने की दिशा में कदम उठाएं।
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FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q.1: भारत में अभी सबसे ज्यादा तापमान कहां दर्ज किया गया?
उत्तर: राजस्थान के बाड़मेर में अभी तक सबसे ज्यादा 45.6°C तापमान दर्ज किया गया है।
Q.2: IMD का रेड अलर्ट क्या होता है?
उत्तर: जब तापमान सामान्य से काफी ज्यादा हो जाता है और लू की स्थिति बनती है, तब रेड अलर्ट जारी किया जाता है।
Q.3: लू से बचने के लिए क्या उपाय करें?
उत्तर: दिन में धूप से बचें, पानी पिएं, हल्के कपड़े पहनें और शरीर को ठंडा रखने की कोशिश करें।
Q.4: क्या बारिश से राहत मिल सकती है?
उत्तर: कुछ राज्यों में आने वाले दिनों में हल्की बारिश की संभावना है, जिससे थोड़ी राहत मिल सकती है।

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